बंता- कुछ काम करो? संता- मैं गर्मियों में काम नहीं करता। बंता- और सर्दियों में क्या करते हो? संता- गर्मियां आने का इंतजार।
संता-कल मैंने तेरी भाभी को कातिल कहा, उसने खुश होकर मुझे चाय के साथ पकोड़े भी खिलाए। बंता-बढि़या है यार, मैं भी आज बोलूंगा, लेकिन अंदाज बदल कर। तू तो जानता है, मैं किसी की कॉपी नहीं करता। संता (अगले दिन)- क्या हुआ, मिले पकोड़े? बंता- मुझे तो खाना भी नहीं मिला। मैं तो बस कातिल की जगह हत्यारिन बोला।
संता और बंता एक बार अंग्रेजी में कोई फॉर्म भर रहे थे। उसमें एक कॉलम था- जोडिएक साइन। बंता को इसका मतलब नहीं पता था तो उसने संता के फॉर्म में देखा। संता ने लिखा था- कैंसर। अब बंता क्या करता, उसने भी मजबूरी में लिख दिया- लूज मोशन।
संता (बंता से)-अरे यार, यह बता कि अक्ल बड़ी या भैंस? बंता- रुक, सोचने दे जरा..(थोड़ी देर सोचने के बाद) बंता- मुझे बेवकूफ समझा है क्या? पहले डेट ऑफ बर्थ तो बता दोनों के!
टीचर(स्टूडेंट से)-जिस आदमी के दोनों हाथ न हो उसे हिंदी और इंग्लिश में क्या कहेंगे? संता-हिंदी में ठाकुर और इंग्लिश में हैंड्स फ्री।
जादूगर (संता से)-अब मैं तुम्हारी बीवी के दो टुकड़े करूंगा.. संता- क्या कर रहे हो भाई? इधर एक नहीं संभलती, तुम दो बनाने पर तुले हो!
संता पार्टी से रात को देर से घर गया। अगले दिन दोस्तों ने उससे पूछा- बीवी ने कुछ कहा तो नहीं?? संता- न न, कुछ खास नहीं.. ये दो दांत तो मुझे वैसे भी निकलवाने थे!
संता- यार तू शादी से पहले क्या करता था? बंता- वही, जो मेरा दिल करता था।