एक भिखारी ने घर में आवाज लगाईः बाबू जी रोटी मिल जाएगी ? अंदर से आवाज आईः मालकिन घर में नहीं है। भिखारीः बाबू जी मुझे मालकिन नहीं रोटी चाहिए।
गर्ल:- शकल देखी है अपनी, इससे अच्छा तो मैं Sucide का लूँ भिखारी:- कम्बखत मर जाएगी, पर किसी गरीब के काम न आएगी!!
10 रुपये दे दो साहब! गर्लफ्रेंड को फ़ोन करना है!! साहब की गर्लफ्रेंड-: देखो, भिखारी भी अपनी गर्लफ्रेंड को कितना प्यार करता है!! भिखारी-: नहीं मेमसाब, उसे प्यार करने के बाद ही मैं भिखारी बन गया!!
व्यस्त रहने और जिंदगी की परेशानियों के बीच लोग हंसना, मुस्कुराना और खिलखिलाना कम कर देते हैं। इस वजह से वे मानसिक तनाव के भी शिकार हो जाते हैं।